लेखनी प्रतियोगिता -06-Aug-2022 सावन माह की महिमा
लेखिका-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक - सावन माह की महिमा
सावन का महीना आया,
वारीधर करने लगे शंखनाद,
बिजुरिया बजा रही ढोल ताशा,
बारिश दिखा रही नाच,
सावन की हो रही शुरुआत।
पवित्रता का है यह माह,
लाया है शिव का धाम,
भक्त करते पूजा पाठ,
करते सब जल अभिषेक,
होती हमारी मनोकामना पूर्ण।
सावन का महीना आए,
कजरिया मेघ मंडराये,
मेह अपनी मधुर धुन सुनाएं,
मिट्टी की खुशबू महकाये,
जैसे हो रहा धरा गगन का मिलन,
प्रकृति का श्रृंगार मन को लुभावे।
चारों तरफ हो रहा कलरव,
सुनहरा हुआ मौसम,
कोयल भी सुना रही टेर,
मोर भी कर रहे नृत्य,
मेंढक कर रहे टर्र- टर्र,
प्रकृति में हो रही उमंग,
जैसे संगीत का हो रहा संगम।
सावन आया तीज त्योहार लाया,
बहू बेटी का मान बढ़ाया,
हाथों में मेहंदी रचाये,
सोलह श्रृंगार करके बने सुहागन,
उपवास करके पति की लंबी उम्र बढ़ांये।
डाली हो रही पुलकित,
डाली पर है झूला सज्जित,
झूल रही है सखियां,आत्मजा,
चारों तरफ है पुरवाईया,
आत्मजा गा रही संगीत की लड़ियां,
चहूं दिशा में छा रही सुरम्या।
सब का मान बढ़ाया,
तीज त्योहार संग लाया,
बहू बेटी का प्यार बढ़ाया,
प्रकृति का सम्मान कराया,
पक्षियों का टेर सुनाया,
ऐसा सावन का महीना आया,
सावन की महिमा को बतलाया।
Punam verma
07-Aug-2022 09:47 PM
Very nice
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Abhinav ji
07-Aug-2022 09:35 AM
Very nice👍
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
07-Aug-2022 08:23 AM
अतुलनीय सावन का बहुत ही जीवंत चित्रण
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